Hindi Poetry
Anvarat
Anvarat यह कैसा शिवालय न कोई दीवार न भक्त न प्रतिमा कोई बस खुले आकाश में गूंजता तुम्हारा नाम अनवरत Want new articles before they get published? Subscribe to our Awesome...
Ekai
Ekai सिर्फ एक छोटी-सी इकाई के मिट जाने से कितना बड़ा शून्य Want new articles before they get published? Subscribe to our Awesome Newsletter.
Drishye
Drishye दृश्य दृष्टा और दृष्टि का एकत्व तुम ज्ञाता ज्ञान और ज्ञेय का महत्व तुम यह मैं भी सितारों-सा पक्षियों-सा फूलों-सा जगमगाता चहचहाता खिलखिलाता है सितारे पक्षी फूल भी मुझ-से सोचते छूते ताकते हैं Want new articles before they get published? Subscribe to our Awesome...
Prashn
Prashn रात्रि में यह कौन जगा? परछाइयों में मूर्तिवत ठगा? यह कौन एकाग्र है चित्त में फैला है जो पूर्ण अस्तित्व में! जो मेरी दृष्टि में है दृष्टा शून्य संवेदनाओं का है सृष्टा! हर अग्नि-परिभाषा का है जो निमित्त हर प्रेम-आलिंगन में है संहित अद्वितीयता में कौन ढला...
Barish ke Din
Barish ke Din बारिश के दिन याद हैं तुमको बारिश के दिन? बिजली में नहलाए जीवन पानी की बच्चों-सी कल-कल याद है कैसे दौड़े थे हम छींटों से नंग-धडंग! कागज़ की नावें तैराते कागज़ की पतवार लाइनदार पन्नों पे लिख के गीतों के उपहार याद हैं मदहोशी की रातें टीन की छत पर...
Basant ke Din
Basant ke Din बसंत के दिन याद हैं मुझको बसंत के दिन हवाओं की ठंडी आहों-सा एकाकी उच्छ्वास मधुमक्खियों के पराग-सा भीगा अहसास रंगों से साज़ों से उठते ख़ुशबू के मल्हारों के दिन बसंत के दिन याद हैं मुझको बसंत के दिन धू-धू कर रस से जलते पेड़ों के तन जल के तारों में बहती...
Sardi ke Din
Sardi ke Din सर्दी के दिन याद हैं तुमको सर्दी के दिन? ठन्डे-ठन्डे हाथों से जब मां के गालों को छूते थे कम्बल में दुबके मौसाजी से करते धींगा-मस्ती बिछी रजाई पे ही सो जाते गर्मी से भी भाती नरमी दादा की बीड़ी जैसे हम सांसों से धुआं उड़ाते थे जब सर्दी के दिन याद हैं तुमको...
Chutti ke Din
Chutti ke Din छुट्टी के दिन छुट्टी के दिन याद हैं मुझको छुट्टी के दिन जून की गर्मी में भी कैसे दौड़ा करते थे लुक-छिप कर कंचे और गूंदों के पैसे जेब ठसाठस भर के प्याऊ पर हम ओक बनाते बेरों की जंगली लूट मचाते याद है तुमको पानी का स्वाद सौंफ के पत्ते खाने के बाद? छुट्टी के...
Sher: Toone jo Pilai Hame
Sher: Toone jo Pilai Hame तूने जो पिलाई हमे आब ही आब बही हमारे ज़ख्म से शराब ही शराब Toone jo pilaai hame aab hee aab Bahee hamaare zakhm se sharaab hee sharaab That you made me inebriate with light My wounds bled with wine and would not stop Want new articles before...
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