Basant ke Din

बसंत के दिन
याद हैं मुझको बसंत के दिन

हवाओं की ठंडी आहों-सा
एकाकी उच्छ्वास
मधुमक्खियों के पराग-सा
भीगा अहसास
रंगों से साज़ों से उठते
ख़ुशबू के मल्हारों के दिन

बसंत के दिन
याद हैं मुझको बसंत के दिन

धू-धू कर रस से जलते
पेड़ों के तन
जल के तारों में बहती
विद्युत् की अग्न
सब और वातावरण में खेलती
प्रकाश की हरी होली

बसंत के दिन
याद हैं मुझको बसंत के दिन

याद है धूप के सोने में
दूब की हरी करवटें
पत्तों के बिछौनों पे
रोशनी के सलवटें
गुलमोहर के पंखुड़ियों में
हरी-हरी परछाईं के दिन

बसंत के दिन
याद हैं तुमको बसंत के दिन?

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