by | Apr 23, 2018 | Hindi Poetry
Singh कौन था वह जिसने तेरा अद्भुत यह सांचा ढाला? किन अंधेरों और आसमानों में जली इन नेत्रों की ज्वाला? रात के जंगलों में उद्दीप्त थे कौन वे पंख अमर जिनकी कल्पनाओं में उड़कर उसने एक दर्शन पाला? क्या वे हाथ थे? क्या थी वह कला? जिसने तेरे दिल को जोड़ा? और जब हृदय धड़कने लगा...
by | Apr 23, 2018 | Hindi Poetry
Tum तुम दिखते नहीं हो पास इतने तुम आम हो कि खास इतने हर व्यक्ति से तुम खेले किया सभी से प्रेम करते भी हो तुम रास इतने Want new articles before they get published? Subscribe to our Awesome Newsletter. E-mail Address First Name Number...
by | Apr 23, 2018 | Hindi Poetry
Mann ka aawara badal मैं मन का आवारा बादल उमड़-घुमड़ लहराऊँ, अलग-अलग सोचों में पड़कर नभ को गहराऊँ दूर-दूर हूँ मंडराता मैं क्षितिजों पार समंदर, अफ्रीका के सहराओं और विस्तृत फैली भू पर हरियाली का मैं हूँ राजा घिर आता हूँ पृथ्वी पर, मेरा जीवन किन्तु मुझ-सा तरल, सूक्ष्म और...
by | Apr 23, 2018 | Hindi Poetry
Astitva aur Shunyeta अस्तित्व सफ़ेद चन्द्रमा है, हँसता है टेढ॓ मुँह से, मुस्कराता है मुझ पर धूल-भरी शाम में लेट जाता हूँ जब खीज से भरा घास में, नज़र पड़ती है मुझे घूर रहे इस नग्न संसार पे और मैं खिसिया जाता हूँ, आँखों में आँखें डाल हँसता हूँ, लकड़बग्घे की तरह क़ैद फिर...
by | Apr 23, 2018 | Hindi Poetry
Dil Jugnu Hai दिल जुगनू है उठता गिरता हर धड़कन में जलता बुझता रातों के सीने में उड़ता दिल जुगनू है दिल जुगनू है उठता गाता साँसों में तारों-सा जगता चिंगारी को पर में सहता दिल जुगनू है दिल जुगनू है बहता खिलता परवानों-सा पागल फिरता बिजली के छत्तों में रहता दिल जुगनू है...
by | Apr 23, 2018 | Hindi Poetry
Tumse Milne तुमसे मिलने को होना पड़ता है तुमसे भी नम्र तुमसे भी हीन समस्या अब है सिर्फ इतनी ही कि तुम हो शून्य से बने शून्य में तल्लीन Want new articles before they get published? Subscribe to our Awesome Newsletter. E-mail Address First Name Number...