Tum Kaun

सन्नाटे की खोह में छिपे तुम कौन?
शब्दों के बवंडर में दिखे तुम मौन
चाहने पर देते नहीं
पूछने पर मिलते नहीं
च्यूंटी से अहम् के सामने छिप जाते तुम गौण

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