Mai Mohra Teri Chalo Ka

मैं मोहरा तेरी चालों का
मैं उलझे तेरे बालों का
शतरंज बिछी है दर्दों की
और खिलना तेरे गालों का

मैं मोहरा तेरी चालों का
होठों के तीखे भालों का
नक्शा फैला है उलझन का
सोचों के गहरे जालों का

मैं मोहरा तेरी चालों का

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