Hindi Poetry
Kaun Jaane
Kaun Jaane कौन जाने कहाँ खो गया पानी का हुबाब रो गया एक सिफर-सी रूह मिट गयी अदना सा इक ख़्वाब सो गया Want new articles before they get published? Subscribe to our Awesome...
Aangan me
Aangan me पीतल के पैमानों जैसी शाम ढली थी आँगन में हल्की-हल्की आग लगी थी लाल-गुलाबी आँगन में दुल्हन जैसी चलती किरणें शीश झुकाए सहमी-सीं पाजेबों की खनखन जैसी नई रोशनी आँगन में Want new articles before they get published? Subscribe to our Awesome...
Chaand hai ya Dil
Chaand hai ya Dil चाँद है या दिल? आग है कि खून? हो नब्ज़ हवा, आँखें अंगुलियाँ, रात है कि तेरा छिपा बदन? चाँद है या दिल? सफ़ेद चादर पे सफ़ेद कलाई! बर्फ-सी ठिठुरती, आग-सी गर्म, कांपती आँखों की बीमार शर्म! चाँद है या दिल? Want new articles before they get published?...
Jaane Kyu
Jaane Kyu जाने क्यों काफ़ूर हो गए ख़्वाब थे जो नूर हो गए ऐसे वो मग़रूर हो गए उड़ते-उड़ते हूर हो गए Want new articles before they get published? Subscribe to our Awesome...
Ek Aakash
Ek Aakash एक आकाश बिना सितारों का उस रात मैंने देखा जिस रात चांदनी बहक गई मदहोश तेरी आँखों से बहती तेरे बालों के मस्त सायों में छिपती उस रात चांदनी बहक गई वह आकाश था की रात का छिपा चेहरा बोझिल-सी पलकें उसकी, रंग सुनहरा जिस रात चांदनी बहक गई मैं सोया था कि खोया हुआ यह...
Mai Mohra Teri Chalo Ka
Mai Mohra Teri Chalo Ka मैं मोहरा तेरी चालों का मैं उलझे तेरे बालों का शतरंज बिछी है दर्दों की और खिलना तेरे गालों का मैं मोहरा तेरी चालों का होठों के तीखे भालों का नक्शा फैला है उलझन का सोचों के गहरे जालों का मैं मोहरा तेरी चालों का Want new articles before they get...
Old
Old जब तुम बूढी और जर्जर हो जाओ और अलाव के पास झपकियाँ लेने लगो तो मेरी यह किताब उठा लेना और धीरे-धीरे पढते उन नम आँखों और उनके उन गहरे सायों को याद कर लेना जिन्हें तुमने कभी अपना महसूस किया कितनों ने तुम्हारे मुस्कुराते शील को चाहा और तुम्हारे सौंदर्य से झूठा या...
Eshwar
Eshwar तुम जो सभी निम्न संसारों में व्याप्त हो, फिर भी ऊपर विराजमान हो, कर्मियों, ज्ञानियों और सम्राटों पर राज करने वाले, प्रेम के चाकर! तुम जो कीड़े को भी तुच्छ नहीं समझते, ना ही मिट्टी के ढेले को, तभी हम इस दीनता से जान पाते हैं कि तुम हो ईश्वर (श्री अरविन्द की कविता...
Shanka
Shanka नए वर्ष के कई वरदान, पुरातन युगों की भेंट तीन ही, साक़ी का मधुर गान, सफ़ेद कबूतर की शान्ति, प्रेम की मदिरा का सोपान शान्ति, प्रेम, संगीत--जीवन के यथार्थ, मीठे, प्राचीन, सुरमयी-- ये संसार के प्राचीनतम जीवन के अंत के साथ-साथ हों सिद्ध फिर से अग्रतम? (श्री अरविन्द...
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