Ek Aakash

एक आकाश बिना सितारों का
उस रात मैंने देखा
जिस रात चांदनी बहक गई

मदहोश तेरी आँखों से बहती
तेरे बालों के मस्त सायों में छिपती
उस रात चांदनी बहक गई

वह आकाश था की रात का छिपा चेहरा
बोझिल-सी पलकें उसकी, रंग सुनहरा
जिस रात चांदनी बहक गई

मैं सोया था कि खोया हुआ
यह मुझको नहीं खबर
तेरी बाँहों में छिपता
कि सितारों-सा पागल टिमटिमाता
जिस रात चांदनी बहक गई

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