Vo Dunia

Vo Dunia वो दुनिया जो हम-तुम खो चुके हैं वो खुले आसमान और सितारों के नीचे छत पर सोना वो नानी से रात को मूंझ की खाट पर बैठकर किस्से सुनना वो आँसू जो हम चालीस-पचास बरस के बच्चे रो चुके हैं वो दुनिया जो हम-तुम खो चुके हैं वो तांबे के कलशों में जमी हुई कुल्फ़ियाँ वो हलवाई...

Prarambh me hi Ant

Prarambh me hi Ant मेरे प्रारम्भ में ही मेरा अंत है उत्तरोत्तर उठते हैं गिरते हैं घर होते हैं विस्तीर्ण होते हैं विस्तृत स्थानांतरित ध्वस्त विस्थापित या उनके स्थान पर एक खुला मैदान या कारखाना या उपमार्ग नए भवन को नया पत्थर पुराने काष्ठ को नई अग्नि प्रज्ज्वल पुरातन...

Janamdin ki Bhent

Janamdin ki Bhent तुम्हारे जन्म दिवस पर नीरव में लपेटकर चुपचाप कुछ भेज रहा हूँ इस भेंट में आंसू हैं कुछ कुछ थोड़ा सा प्रायश्चित्त और बहुत सारा चित्त इसमें नमस्कार से जोड़े हुए हाथों की पूर्णता है कुछ आनंद की सुरभि बहुत सारी भूलों का सार और ढेर सारा आभार बहुत वजन है इस...

Dard

Dard Dard की कोई इन्तिहाँ नहीं होती वरना क्या चांदनी नहीं रोती Want new articles before they get published? Subscribe to our Awesome Newsletter. E-mail Address First Name Number...

Kaun Jaane

Kaun Jaane कौन जाने कहाँ खो गया पानी का हुबाब रो गया एक सिफर-सी रूह मिट गयी अदना सा इक ख़्वाब सो गया Want new articles before they get published? Subscribe to our Awesome Newsletter. E-mail Address First Name Number...