Virasat me mila ek Ghar

Virasat me mila ek Ghar किसी ने बताया मुझे विरासत में मिला एक घर एक खंडहर जो मेरे विशाल संयुक्त परिवार का था मेरा था भी नहीं भी जहाँ मैं था इकाई मात्र बहुतेरों में अपनों में या ग़ैरों में शायद एक ही ईंट होती मेरी थोड़ा सा चूना टपकती भित्ति का चित्र जैसे मेरा चित्त मेरा...

Ek Vishal Sagar

Ek Vishal Sagar एक विशाल सागर जिसमें हाथ-पैर मारता एक प्राणी इतना फैला बृहद कि उस प्राणी का अस्तित्व शायद एक बूंद से भी कम है और वो सागर तुम हो जिसे इतना जाना पहचाना समीप से अपना जाना मोती के सीप से अब कहाँ विस्तृत हो गई हो व्यक्त से अव्यक्त स्मृति को विस्मृत हो गई हो...

Neend nahi Aati

Neend nahi Aati नींद नहीं आती है मुझे अक्सर रात-रात बदलता रहता हूँ करवटें जाने किस पर अधिक हैं मेरे माथे पर या बिस्तर पर सलवटें रात-रात उस कालिमा को घूरता हूँ जिसमें सिर्फ़ विध्वंस है स्वयं का अंत संसार का अंत किन्तु फिर भी है कुछ जो मरता नहीं मिटता नहीं रात-रात उस...

Lapata

Lapata लापता एक अधेड़-आयु वयस्क अपने आप से कहीं खोया-खोया अन्यमनस्क चेहरे पे झुर्रियों की ताज़गी जिनमें छिपी मुस्कानें अधजगी जिसकी जीत है समर्पण ध्यान से देखो किन्तु तो शीशे के जमे प्रकाश में एक और ताकता शीशा दर्पण में एक और दर्पण और कभी-कभी लगता व्योम में चक्रमान एक और...

Veh kesa Vyakti tha

Veh kesa Vyakti tha वह कैसा व्यक्ति था जो अपनी श्रद्धांजलि स्वयं लिख गया किस कारणवश? सत्य के प्रति निष्ठा या खुद की प्रतिष्ठा? स्वयं से भी अधिक उसे प्रेम था बस कुछ चुने हुए मनुष्यों से फिर भी मनुष्य में थी उसकी अपार निष्ठा रिक्तता का शौक था उसे गिलास के खाली होने पर...